Bal Sanskar Yoga School


सूत्र -  धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् सदाम्ः | 
धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् धनदाम्ः || १ ||
धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् मूर्तीजा |
धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् स्मृतीजाः || २ ||
धन्य धन्य धन्य अविरतशाश्वतदा |
निरंतर चारू सत्त्वसांग नित्यदाः || ३ |||

मूळार्थ- "परमेश्वरीय धन्यता" ही शाश्वत असते.



Guruji Charudata


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