ऐतिहासिक कालाराम मंदिर के वंशज ने दिया, *कालाराम मंदिर के भक्त चारूदत्त महेश थोरात * के चरित्र का परिचय... ऐतिहासिक कालाराम मंदिर के वंशज ने दिया, *कालाराम मंदिर के भक्त चारूदत्त महेश थोरात * के चरित्र का परिचय... ऐतिहासिक कालाराम मंदिर के वंशज ने दिया, *कालाराम मंदिर के भक्त चारूदत्त महेश थोरात * के चरित्र का परिचय... 📌 App available in #GoogleStore 👉👉 https://play.google.com/store/apps/details?id=atclabs.radiovishwas908 ____________________________________ #Poster Creator : अजित सारंग | डॉ.हरि कुलकर्णी #PodCast Release 1-4-24 @Digital_Radio जल्द ही डिजिटल माध्यम मे प्रसारित.. #आकाशवाणी ------------------------------------------------------------------ • २२ देशो के ... @मराठी कम्युनिटी मे सीधा प्रसारण !!! ------------------------------------------------------------------- • मुलाखतकार - *** #श्रद्धा_कराळे RJ *** (सुप्रसिद्ध वारली चित्रकार, वर्ल्ड रेकॉर्ड विश्वविक्रमकार, 7 Time Word Record Holder, *वारली लेखिका*) • Interview by - Shraddha K...
काव्य विष्णु सदन ज्ञानमंदिर, महाराष्ट्र राज्य यांचे सहयोगाने बाल संस्कार योग शाळा (उपक्रमाद्वारे) द्वारा प्रदर्शित... Shri. VishnuBhakta Charudatta (CM) Thorat Abhanga
| बाल संस्कार योग अभंग क्र.२१ || बोध ध्यावा शुद्ध | तेवेंचीं मती अनिरूद्धः | व्याधी गुण नच हरि लक्षणीक | सिद्ध || १ || तत्त्वर चयणा लागोनी मतीर्थ | प्रमाणसत्त्व उच्चारतसें || २ || चारू म्हणे दुर्विवेक जेणे | न गें तेणेंः | गोसावी दर्शनम् || ३ ||| || दत्ताश्रय योगार्थः || मनात ना-नाविध शोक आणि शौक धारण करुन असलेले चित्त ह्या ज्ञानबोधपर अभंगास ज्ञानू शकीत नाहीत. साधकाला उपदेश करताना दत्ताश्रय सांगतात की, शुद्ध बोध ज्याने ग्रहण केला नाही अथवा ज्याला ग्रहण करता आला नाही, तो पुरूष सिद्धावस्थेपर्यंत कधीही पोहचू शकलेला नाही! दूर्विवेकप्राप्त आचर असलेल्या त्या प्रत्येकाने ज्याला साधक होण्याची ईच्छा आहे.. अशा प्रत्येक जीवाने दत्ताश्रय तत्त्वभाव नित्य शुद्धार्थाने स्मरायला हवा! . . . || ज्योती सुविचारम् || एक खरा शिष्य आपल्या गुरूकडून धनाची नव्हे, तर ज्ञानाची मागणी करतो.. - आईसाहेब सौ. ज्योती महेशराव थोरात. -
टिप्पण्या
टिप्पणी पोस्ट करा
Comment Your ideas !